Basic Information

"इससे पहले 'डिअर' मेरी जिंदगी श्मशान हौ, जिंदा किए कुछ लफ़्ज़ जिनसे मेरी पहचान हो।" सौभाग्यशाली हूँ कि मेरे जीवन का प्रारम्भिक समय अपनी प्राचीन संस्कृति व सभ्यता के द्योतक गाँव में अतुलनीय अनुभवों को प्राप्त करते हुए व्यतीत हुआ और अब आधुनिकता की तरफ़ ले जाते शहरों में से एक का में हिस्सा हूँ फिर भी जन्मभूमि का दर्जा हर भूमि से बढ़कर होता है और हमेशा रहेगा। "ग़ज़लें सौख-समा लेती हैं, बहता लहू प्रखर मेरा, बड़ा आभारी गाँव तेरा है, हंसता हुआ शहर मेरा।"

WhatsApp Button