RAASHTREEYA SHIKSHA NEETI
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TypePrint
- CategoryAcademic
- Sub CategoryText Book
- StreamSocial Sciences
किसी भी राष्ट्र की उन्नति उसकी संस्कृति उसका इतिहास उसका गौरव और उसके विकास होने की प्रबल सम्भावना वहाँ की शिक्षा पद्धति को देख कर समझा जा सकता है शिक्षा से उस देश का भविष्य जुड़ा होता है। और जब वह शिक्षा अपनी जड़ों से जुड़ी हुई हो या अपनी संस्कृति से जुड़ी हुई हो तो, वह चहँमुखी विकास करती है। रोजगार के नए अवसरों को पैदा करती है। शिक्षा व्यक्ति व समाज को विनम्र, सहनशील, सभ्य और शिष्ट बनाती हैं। नई शिक्षा नीति इन सभी मापदंडों में खरी उतरती हैं जो भविष्य में छात्रों को एक नई दिशा प्रदान करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उन सभी विषयों को रखा गया है जिस से भारत हर क्षेत्र में उत्कृष्ठता हाशिल करेगा, इसके लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार संयुक्त रूप से प्रयास कर रहे है। पूर्व में हम इतिहास का अवलोकन करे तो आक्रमणकारीयो ने सबसे पहले देश के पुस्तकालय , ग्रंथ , उपनिषद, वेद , वहा की लिखित संस्कृति को नष्ट किया ताकि वो अपने देश के गौरव और इतिहास को भूल जाए लेकिन हमारे संत ,महात्माओं और शिक्षाविदों ने ग्रंथो को बचाया और याद रखा ताकि भारत अपने गौरवशाली इतिहास प्रामाणिक वैज्ञानिकता, गुरुकुल शिक्षा पद्धति जिससे पुरे विश्व में शिक्षा और ज्ञान का प्रसार हुआ, समाज और देश के विकाश वाली शिक्षा पद्धति शामिल थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यक्ति, समाज और देश को सर्वांगीण विकाश की और अग्रसर करता है इसके प्रत्येक पहलुओं पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए साथ ही इसके क्रियान्वयन पर सभी शैक्षणिक संस्थानों एवं सभी शिक्षको को प्रयास करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र के सर्वांगीण विकाश के लिए बहुत ही आवश्यक है।
प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर इतनी शक्ति प्रदान करे,जिससे वह राष्ट्र के विकास में सर्वोच्च योगदान दे सके। शिक्षा के विकास कार्य में अवसर प्रदान करने के लिए सर्व प्रथम ईश्वर को धन्यवाद देना चाहता हूं। भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार एवं भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ड्राफ्टिंग कमिटी के सुझाव एवं शिक्षा विशेषज्ञों, अध्यापको, प्राध्यापकों एवं प्राचार्यो ,डिजिटल एवं प्रिंट मीडिया के सुझाव से इस पुस्तक को लिखने में सहायता मिली, मै आप सभी का धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
माता श्रीमती प्रभा देवी दीवान, पिता डॉ. प्रकाश धर दीवान और बड़े भाई डॉ. भूपेंद्र धर दीवान, मेरी पत्नी प्राची दीवान, मेरे पुत्र शिवोम वर्धन दीवान, मेरी पुत्री आद्यश्री दीवान, भाई अजय तिवारी, भाई अक्षत तिवारी को धन्यवाद देना चाहता हूँ।
मुझे मार्गदर्शन देने एवं प्रोत्साहित करने के लिए माननीय कुलपति प्रो. ए. डी. एन. बाजपेयी सर (अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर ) छत्तीसगढ़ को बहुत-बहुत धन्यवाद।
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