तेरे ही इश्क में (IN YOUR LOVE)
-
TypePrint
- CategoryNon-Academic
- Sub CategoryFiction
- StreamPoetry-Fiction
मित्रों प्रस्तुत है तेरे मेरे एहसासों का एक गुलदस्ता
"तेरे ही इश्क में"
इस काव्य संग्रह को प्रकाशित करने का एकमात्र उद्देश्य है, कि हम रचनाकर जो भी दिल की भावनाएं शब्दों के मोतियों को एहसासों के धागों में पिरोकर बनाई गई खूबसूरत माला को कलम के माध्यम से कोरे पन्नो पर कविता, गज़ल, छंद जैसी किसी भी साहित्यिक विधा में रचनाओं का सृजन करते हैं, वो सभी हमारी डायरी तक ही सीमित न रहें। ज्यादा से ज्यादा लोगों के दिलों तक ये आनंद का सफर तय किया जाना चाहिए। जो आनंद की अनुभूति सभी को उत्कृष्ट हृदयस्पर्शी गीतों को सुनकर या पढ़कर होती है, उसके मूल में खूबसूरत शब्दों की एक माला गीत, कविता या गजल के रूप में होती है। जो किसी न किसी के हृदय के भीतर समाए हुए अलग तरह के भाव होते है। वो सभी भाव मूलतः हमारी जिंदगी, हमारे सपनों और हमारी ही उपलब्धियों का आईना होते हैं।
इस पुस्तक में आपको कविता, गीत और गज़ल के माध्यम से एक सामान्य इंसान की असामान्य भावनाओं के संसार से आपको रूबरू कराना ही मेरा उद्देश्य है। आशा है आपको भी मेरी इन कविताओं, गीतों और गजलो में भरपूर आनंद आएगा।
जैसा कि मैं कहता हूं कि :– “हर रोज कुछ नए किस्से रचा करते हैं,
कभी चेहरा कभी हालात पढ़ा करते है।
खयालों को शक्ल देते लफ्ज़ों में पिरोकर,
दिल की ही सुनते, दिल की ही कहा करते है ।।“
इस पुस्तक का नाम "तेरे ही इश्क में" रखने का एक विशेष कारण है कि सभी इंसान एक दूसरे से एक ही बंधन में बंधे रहते हैं जिसे "प्रेम का बंधन " कहते हैं, काव्य का मूल प्रेम, इश्क, प्यार से ही शुरू होता है। इसी प्रेम से श्रृंगार भी निकलता है और विरह भी। इन्हीं भावों को मैने अपनी कविताओं और गजलो में समाहित किया और नाम दिया "तेरे ही इश्क में"।
**Note: IIP Store is the best place to buy books published by Iterative International Publishers. Price at IIP Store is always less than Amazon, Amazon Kindle, and Flipkart.
COMMENTS
No Review found for book with Book title. तेरे ही इश्क में (IN YOUR LOVE)